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दिनांक: 22-Dec-2001
दिले दिलबर जब भी देना चाहा, तुझे अपना प्यार देना चाहा |
उस पर भी चुभे कांटे तेरे दिल को, तो सोच कीतने काँटे चुंभे हैं मेरे दिल में |


- डॉ.संतोष सिंह


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