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दिनांक: 27-Aug-2001
ॐ काका, श्री काका, जय काका हैं तुझसे जनमों जनम का अटूट नाता |
फिर भी समझ नहीं आता, क्यूँ अपने आपको दूर तुझसे हूँ पाता |


- डॉ.संतोष सिंह


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