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Hymn No. 7 | Date: 20-Jun-1996
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है जग जननी जगदंबे 2 आये ना मोहे कुछ लिखना
है जग जननी जगदंबे 2
आये ना मोहे कुछ लिखना
लिखता ही चला जाऊँ नाम तेरा
है जग जननी जगदंबे 2
ना ही में गीतकार, ना गायक
मैं तो बस तेरा नाम लिखता ही चला जाऊँ ।
है जग जननी जगदंबे 2

मन से लिखा या बेमन से
इस चक्कर में ना मैं उलझूँ
मैं तो बस तेरा नाम लिखता ही चला जाऊँ ।
है जग जननी जगदंबे 2

क्या है गलत; क्या है सही
उस चक्कर में मैं ना पडूँ,
मैं तो बस तेरा नाम लिखता ही चला जाऊँ ।
है जग जननी जगदंबे 2
किसे दिखाऊँ, किसे सुनाऊँ
इस उलझन में मैं ना पडूँ
मैं तो बस तेरा नाम लिखता ही चला जाऊँ ।
है जग जननी जगदंबे ।


- डॉ.संतोष सिंह