VIEW HYMN

Hymn No. 2877 | Date: 04-Nov-2004
Text Size
जो न है हिस्से मैं उसके लिये क्या रोना मुझे तो दिल मैं है तुझे संजोना।
जो न है हिस्से मैं उसके लिये क्या रोना मुझे तो दिल मैं है तुझे संजोना।
मुक्ति और बंधन के फेरे मैं न है पड़ना, तेरे प्यार को शब्दों मैं है रचना।
बुध्दू ओर होशीयार होके क्या है करना, मूझकों तो तूझपे फिदा है होना।
रोना क्यों रोऊ जिंदगी का किसी के आगे, मैं तो गाऊंगा गीत तेरे वास्ते।
किसी के हिस्से में क्या मिले क्यों मैं देखूं, मैं तो डूबा रहूँगा सदा जा तुझमें।
होंगे योगी जोगी बहुत से दुनिया में, मैं तो प्यार का जोगी बनके फिरता रहूँगा।
क्या काम अपने परायों का मेरी दुनिया में, जो सारे नातों का प्यार तुझमें मिलेगा।
किसी का डर क्यों मुझे लगे, न मैं पहचानूंगा तेरे सिवाय किसी को।
मौत और जिंदगी का क्या मतलब, जब मेरा अंत होना हो तुझमें।
कोई क्या दे देगा या कोई ले लेगा, दाता है तू देता रहेगा मुझे सदा।


- डॉ.संतोष सिंह