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Hymn No. 2870 | Date: 03-Nov-2004
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ये तेरी दरियादिली क्या कम है, जो गाते है गीत तेरे प्रेम के,
ये तेरी दरियादिली क्या कम है, जो गाते है गीत तेरे प्रेम के,
जो हलपल लेते है तेरा नाम, करे या ना करे कोई भी काम।
आस्था को संजोये रखता है तू, धीरे धीरे आगे ले चलता है,
जिंदा है तेरी दानत से, लानतों से भरी जो जिंदगी है हमारी।
जरूरत पूरी करता है तू सारी, देर सवेर का नाम तो हम देते है,
फरियादों का रोनां रोते हैं, फिर भी संवारे तू अपने प्यार से।
कुछ करे या न करे, छोड़ते नहीं अपेक्षाओं को,
थोड़ी सी जो तूने वाह वाह कर दी, तो जा बैठते है सातवें, आसमाँ पे।
अजब ये कैसा अजब बंदा है, जो तेरे नाम पे अपनी ही गाता है,
सताये तुझको इतना, फिर भी सरेआम गले तू लगाता है।


- डॉ.संतोष सिंह