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Hymn No. 2860 | Date: 29-Oct-2004
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मौसम बदले, बदले ना जिंदगी, इक के बाद दूजा पड़ाव आये फिर भी जिंदगी मैं।
मौसम बदले, बदले ना जिंदगी, इक के बाद दूजा पड़ाव आये फिर भी जिंदगी मैं।
दूर कहीं प्यार का एक दिया टिमटिमाये, उसके रौशनी में गुलजार होवे जिंदगी।
बुझने से पहले न जाने कितनों को रौशन कर जावे, न जाने किस स्वरूप में परम को लावे।
अनहोनी ना है कुछ जहां में, थोड़ा सा माया का पर्दा सरका के देखों सब कुछ उजागर है जिंदगी में।
ना यहाँ देर है ना अंधेर अथक प्रयासों के सांचे से निकलता यही संदेश है ।
यहाँ कथा कही जाती है वही पुरानी, पर ईश्वर को गढ़ते है नये नये स्वरूपों मैं।
कुछ भी ना है तो पुकार ले सच्चे हृद्य से, तुझसे पहले तू पायेगा पास उसको खड़ा।
रूपहली दुनिया में वो भी कम नहीं, आंखमिचौली खेले अपने बच्चों से ही सदा।
जिसने जो जो ढूढा, उसने वो वो पाया, जिसने दम ना लिया उसके बिना, पास पहुँचे बिना ना वो रुक पाया।
कोई गीत ना है, ये तो माया के पीछे छूपा हूँआ सत्य है सनातम धर्म का।


- डॉ.संतोष सिंह