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Hymn No. 25 | Date: 17-Aug-1996
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दीन – दुनिया, जग – जहाँन, ओ मेरे परवर दीगार
दीन – दुनिया, जग – जहाँन, ओ मेरे परवर दीगार
सौंप दिया, सौंप दिया सब कुछ तुझको मैंने सौंप दिया
रह क्या गया है मेरे पास, जीने की फिक्र मैं क्यों करूँ
वो भी तो मैंने – तुझको सौंप दिया, सुखी रख या दुखी रख
काया (माया) में रख या अपनी छाया में ये भी तो मैंने
तुझको सौंप दिया, सौंप दिया, योगी बना या भोगी बना
तन-मन-धन सब कुछ मैंने तुझको सौंप दिया ।
अब क्या बचा है मेरे पास, क्या सौंपा था तुझको अपना
तेरा ही तो था, तुझको मैंने सौंप दिया, सौंप दिया ।
ना तुझको कुछ सौंपने का गुरुर, ना तुझसे कुछ पाने का सुरूर,
अरे तेरा ही तो था तुझको मैंने सब कुछ सौंप दिया
सौंप दिया, सौंप दिया तुझको मैंने सब कुछ सौंप दिया ।


- डॉ.संतोष सिंह