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Hymn No. 2342 | Date: 06-Jun-2001
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रखना तू विश्वास खोना नहीं आस, प्रभु की दुनिया में होता नही कुछ कारण।
रखना तू विश्वास खोना नहीं आस, प्रभु की दुनिया में होता नही कुछ कारण।
जो दास है आलस का होता नही कुछ उसके पास, मिलता भी है तो किस्मत के सहारे।
पुरूषार्थ करने वालों के आगे पड़ जाती है सारी दुनिया बौनी, बचता नही कुछ उनके आगे।
खेल है सब जीवन में कर्मों का, कर्मों से उबरने के लिये करना पड़ता है अथक प्रयास।
सच्चा धर्म इसी में छिपा है, जो न जाना न जाना जीवन के मर्म को।
चलता रहा है सदियों से सदियाँ गुजर जाने तक, पार करना पड़ता जीवन की नैया से।
होते है सब शिकार भांति-भांति के जिजिविषाओं के, बचने के लिये त्यागना पड़ता है इच्छाओं को।
संस्कारों के बीज को खिलाने के वास्ते प्रकटता है सद्गुरू संसार में, मिलती कृपा उनकी कृपा से।
पाके भी न पाने जैसा हो जाता है, जब उनके बतायी राह पे न चलके चलते है।
अफसोस के सिवाय तब बचता नहीं कुछ पास, तब कुछ जीवन में आता नही जो रास्ता।


- डॉ.संतोष सिंह