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Hymn No. 2284 | Date: 26-Apr-2001
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तड़पते हुयें दिल की आवाज सुन ले, क्यों बैरी बना है तू मेरा।
तड़पते हुयें दिल की आवाज सुन ले, क्यों बैरी बना है तू मेरा।
माना तुझे परवाह नहीं बेगानों की, तो कर ले प्यार अपने दीवानों को।
मस्त रहता है तू मस्ती में, प्यार की धुनों को सुरों में पिरोते हुये।
अंदाज है तेरा इतना जालिम, बिना वार के तू करता है घायल।
मोह न है हमको भी प्राणों का, तोड़ेंगे दम तेरी बाहों में।
लाख रोके राह हमारी दुनिया, आयेंगे पास तेरे खुद के दम से।
दम पे दम निकलता जायेगा, तेरे नाम का बम - बम करते जायेंगे।
प्यार का अफसाना लिखेंगे ऐसा, रोक न सकेंगा तू खुदको।
चैन ना लेने दूंगा, बेचैन जो करुँगा तुझको प्यार से अपने इतना।
जो कर न सका अब तक वो कर जाऊँगा तेरे प्यार के एहसास से।


- डॉ.संतोष सिंह