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Hymn No. 2267 | Date: 18-Apr-2001
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कुछ कर दे ऐसा बन जाऊँ बैरी अपने आपका, गाता फिरू गीत संसार में।
कुछ कर दे ऐसा बन जाऊँ बैरी अपने आपका, गाता फिरू गीत संसार में।
लगी लगन मिट जाये पर तेरे प्रेम की अंगन बढती चली जाये।
आऊँ ना किसी की लाग लपेट में, पर ले लूं सबको प्यार की चपेट में।
रमता रहूँ संसार में तुझे इम्तहाँ देते हँसते हुये पास कर जाऊ दौर इम्तहां का।
शिद्दतों से करूं तेरा इंतजार, पतझड़के मौसम में भी गाऊँ प्यार का राग।
मिटा ना पाये कोई भी वजह, दिल पे पडी तेरे प्यार की छाप को।
आँखो से आँखे मिलते ही बन जाये ऐसा समां रह न जाये कहने को कुछ।
मेरी गत जो भी हो प्यार में, पर सुधबुध खो दू तेरे साथ होते।
आयाम देना होगा ख्वाबो को, जो कर दिया है नाम तेरे।
मिटाना होगा हर उन कारण को, जो आते है अकारण तेरे मेरे प्यार के बीच।


- डॉ.संतोष सिंह