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Hymn No. 2229 | Date: 23-Mar-2001
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हाय री किस्मत कहाँ से कहाँ लाके पहुँचा दिया तूने।
हाय री किस्मत कहाँ से कहाँ लाके पहुँचा दिया तूने।
अनजाने में मंजिल की और जाते हुये राह पे खड़ा कर दिया तूने।
किस्मत का कोई खेल नहीं जीवन में, रोल है ये तो कर्मों का।
अभागों पे बरसाता है तू प्यार भरी कृपा, बिना अहसास कराये सौंपता है सब कुछ अपना।
दिलदार न है जग में कोई तेरे जैसा, अपने भी छोड़ देते है साथ कई बार।
जीवन की छोड़, मौत के बाद अगर कोई है साथ निभाता तो वो है तू।
कोई विशेष नहीं है तेरे लिये, तू देता है जां, जां देने वालों के लिये।
अभेद रहा है तू सदा से, पर प्यार ने भेदा है तेरे दिल को सदा से।
जितना मचले तेरे लिये दिल, उतना ही जल्दी दौड़के आया है तू।
तेरे प्यार का गीत गा सकता है सब कोई, पर तुझे भाप सकता नहीं कोई।


- डॉ.संतोष सिंह