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Hymn No. 1933 | Date: 12-Aug-2000
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ऐ अनामी पिता दे दे तेरा बेनामी पता, अनामी बनके आऊँगा।
ऐ अनामी पिता दे दे तेरा बेनामी पता, अनामी बनके आऊँगा।
आज हूँ कमजोर जरूर पर करुँगा कोशिश पुरजोर तो मिल जायेगा जोर तेरा।
मिटने को मिट जायेगे हम, पर दिल पे छाप तेरे पड़ेगी अमिट।
मुश्किल होगी तुझको, इक बार को जो लिपटूंगा सिमट जाऊँगा तुझमें।
आज होगा ख्याल में जो बदलेगा खॉबों में, ढल जायेगा सुबह होते हकीकत में।
न – न कर तू ना करता है करते है करम हमारे, प्यार से करुँगा चूर इनको।
कसम से रख ले तू मुझे कितना भी दूर, पर रहेगा तू मेरे संग जरूर।
माना मेरी पहुँच ना है तुझ – तक, पर तेरी पहुँच तो है सारे जहाँ में।
काँटें होंगे लाख राहें प्यार में चलके आऊँगा उनपे से तुझ तक।
हंसके निकालूंगा दम बाहों में तेरी, पीड़ा कितनी भी हो शिकन न आयेगी मुख पे।


- डॉ.संतोष सिंह