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Hymn No. 1901 | Date: 29-Jul-2000
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कहना है तो कह दे कुछ धीरे से दिल में मेरे।
कहना है तो कह दे कुछ धीरे से दिल में मेरे।
उत्सुकता से बैठा हूँ, हर आहट पे चौंके मन मेरा।
पल – पल है तेरा ख्याल, हर ख्वाब में है नात तुझसे।
कैंसे लगाऊँ इलजाम किसी और पे, जब सतायें याद तेरी।
प्यार के नाम पे, मजबूर करना सीखा नहीं अब तक।
सूनी आँखो से ताकता हूँ, गिनता हूँ इंतजार का हर पल।
प्यार की ऊँचाई क्या जानूँ, विरह की तड़प होती है कैसी।
तरसते हुये दिल से सुखे हुये आँसू के सिवाय ना कुछ गिरते।
पीछे ना कुछ था कमाया, जो आज वार जाऊँ तुझपे।
जो भी है तेरे – सामने है, पसंद – नापसंद का कोई मौका नहीं।


- डॉ.संतोष सिंह