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Hymn No. 1760 | Date: 18-May-2000
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ना दिखा तू आँख हमको, कह लेने दे दिल की बात पूरी।
ना दिखा तू आँख हमको, कह लेने दे दिल की बात पूरी।
वक्त तो होता कहाँ है, वक्त को निकलने दिया है हमने।
बेखुदी में रहके गंवाया मौका, तूने भी तो कितनी बार चौंकाया।
पीने – पिलाने का दौर जारी बस, दम तोड़ना है आज तेरे दामन में।
बेबस होके न देना चाहता हूँ अंजाम, प्यार करना चाहता हूँ मस्ती में।
मतलबी होके ना रखूं मतलब किसीसे, हो गया काम का होके बेकाम।
समझ लो गैरत मेरी मर गयीं, शोहरत के चक्कर में।
मै ना देना चाहूँ किसी को टक्कर, यें तो है प्यार का चक्कर।
बड़ा बुरा हाल है अपना, फिर भी नाम है तेरा जपना।
होगी कितनी भी दुर्दशा, हँसते हुये कहूँगा ना छोडूंगा साथ तेरा।


- डॉ.संतोष सिंह