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Hymn No. 17 | Date: 10-Jul-1996
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परिभाषायें कुकर्मों की
परिभाषायें कुकर्मों की
अधर्म, उद्यमी, आधुनिकता कहीं जात है
झूठ है चालाक की निशानी
सत्य बोलनेवाला कहलाता है पागल
संपत्तियों की दावेदारी करते है संत साधु और ब्रह्नचारी ।
अरे बलात्तकारी बन गये है कानुन मंत्री
जाने – अंजाने ; दीन – दरिद्रनारायण
भोग भोगते ......


- डॉ.संतोष सिंह