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Hymn No. 14 | Date: 10-Jul-1996
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माँ बन जाऊँ अगर में बादल, ऊँचा उड़ता ही चला जाऊँ ।
माँ बन जाऊँ अगर में बादल, ऊँचा उड़ता ही चला जाऊँ ।
अगर गिरके बरस पडूँ तो; छू लूँ तेरे चरणों को ।
तेरे ही किसी बेटे की प्यास बुझाऊँ ।
माँ बन जाऊँ अगर मैं माटी, तेरे किसी भक्त के चरणों को,
छू कर के हो जाऊँ कृतार्थ ।


- डॉ.संतोष सिंह