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दिनांक: 20-Jun-2014
पत्थर सा बन गया हूँ, जड़ता जो छा गयी दिमाग पे |
सच्ची या झूठी चाहत, आज एक ही बनी हुयी है |


- डॉ.संतोष सिंह


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