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दिनांक: 24-Feb-2005
दगाबाज़ हम थे, तो दगाबाज़ क्यों तुम बने,
जो प्यार का हश्र ये था तो प्यार क्यों तुमने कीया? |


- डॉ.संतोष सिंह


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