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दिनांक: 23-Jun-2004
बिखर जाएँगे या संभल जायेंगे , प्रभु देखते-देखते तुझमे हम बदल जाएँगे |
एक दिन चले थे, तेरे दर से, भटक जाएँगे या पहुँच जाएँगे, देखते-देखते तेरे हो जाएँगे |


- डॉ.संतोष सिंह


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