Read Quote

दिनांक: 02-Nov-2002
रब के दर से हर कोई आया है, श्वासों के पीछे रब को भुलाया है |
घड़ी दो घड़ी जो याद कर ले कोई, उसीके दिल में रब समाया है |


- डॉ.संतोष सिंह


Share