Read Quote

दिनांक: 03-Aug-2002
पीछे देखता हूँ तो पापों के सिवाय कुछ नजर नहीं आता |
हँसी आती है तब जब इंसानों के कतार में अपने आपको हूँ खड़ा पाता |


- डॉ.संतोष सिंह


Share