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दिनांक: 26-May-2002
हर शब्द कम पड़ रहे हैं, मेरी कारस्तानी को बयां करने में |
हर सज़ा छोटी लग रही है, मेरी गुस्ताखी की सजा देने में |


- डॉ.संतोष सिंह


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