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दिनांक: 03-Mar-2001
जनाजा निकला है यारों मेरा, देना सलामी बिन बहाए आँसू |
दुश्मनों मुस्कुरा के निभाना दुश्मनी का आखरी सलूक |


- डॉ.संतोष सिंह


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