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दिनांक: 04-Jan-2002
लाईलाज है ये प्रेम रोग, जो हर दिन और हर रात आ जाये |
सुकून पाता हूँ कुछ देर के लिए, जब पास तेरे आता हूँ |


- डॉ.संतोष सिंह


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