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दिनांक: 27-Oct-2001
मरके चला तन मेरा, खड़ा होके मुस्कुरा रहा था प्यार तेरा |
गम न था संतोष को भी, जो बदल चुका था प्यार में तेरे |


- डॉ.संतोष सिंह


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