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दिनांक: 27-Apr-2001
मुझे प्यार हो गया है बदनामियों से, रास जो आती न थी कीसीको |
मैं बन गया हूँ दास कीस्मत का, तो प्यार कैसे पाऊँ कीसीका |


- डॉ.संतोष सिंह


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