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Hymn No. 2315 | Date: 11-May-2001
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आ जाओगे जो तुम तो कितना मजा आ जायेंगा, बुझती हुयी आंखो में जो चमक छा जायेगी।
आ जाओगे जो तुम तो कितना मजा आ जायेंगा, बुझती हुयी आंखो में जो चमक छा जायेगी।
कसम से शाम होती है उदास तेरे बिना इसमें कोई दो राय नहीं।
माना हमारा प्यार है नौंसिखिया, पर उसको भी तो है बहुत जरूरत तेरी।
कर्मों के बांध रोके हुये है तेरी मेरी राह, तोड़ दे तू आज इसे खातिर हमारे।
मालूम है मायने न रखते है हम कुछ तेरे वास्ते, पर एक बार को तो जी भरके मिल लेने दें।
इंतजार किया हूँ न जाने कब से तेरा, यूं ही मुख न मोड तू हमसे।
मेरी गुजारिशों को यूं ही मत ठुकरा, तार ले जा तू तेरी कृपा से हमको।
तेरा साथ से बदमजा जिंदगी पे पड़ी है उमंगो की बौछार, जो खिल उठा है दिल।
जीवन के ताना बाना के बीच पूरा कर दिखाऊँगा तेरी चाहतो को अपने प्रयासों से।
जो बीज बोये थे सदियों पहले, उनको गुलजार कर दिखाऊँगा अपने प्यार से।


- डॉ.संतोष सिंह