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Hymn No. 2314 | Date: 01-May-2001
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हे आँख लड़ा ले, आँख लड़ा ले, जीवन में आया है जोगी आँख लड़ाने, दिल को चुराने।
हे आँख लड़ा ले, आँख लड़ा ले, जीवन में आया है जोगी आँख लड़ाने, दिल को चुराने।
अरे वो बड़ा मनमौजी, जीवन के हर पलों में छेड़ता है सुर प्यार का, हें आँख लड़ा लें।
हें... जिसने किया प्यार उसको रंग दिया मस्ती के रंग में, हें आँख लड़ा लें...
अरे किस्मत की बात है, जो न था किस्मत में उसको लेके आया है आँख लड़ा लें...
हें... आँख लड़ाते - लड़ाते चुरा लेता है हमको – हमसे न जाने कैसे, है आँख लड़ा लें...
हें... बनता है भोला भाला पर धीरे धीरे रंग घोलता है जीवन में प्यार का, हे आँख लड़ा लें...
हें सरंजाम देता है पिलाके प्यार का जाम, फिर भी कहता है कोई दोष न है मेरा, है आँख लड़ा ले
हें... एक बार जो पी ले उसके लबों का छुआ, करता है बेचैन ओर एक बार के लिये, है आँख लड़ा ले।
हें... दुश्मन से जियादा हैं बेरहम, वो तड़पाते हुये को प्यास न बुझाके तड़पाता है ओर, हैं आँख लड़ा ले
हें मौत ओर जिंदगी से परे की दुनिया में ले जाने आया हें आँख लड़ाके, हें आँख लड़ा लें...


- डॉ.संतोष सिंह