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Hymn No. 2305 | Date: 03-May-2001
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जानेवाले जाते हो तो चले जाना, पर नजरें बचा बचाके जाना।
जानेवाले जाते हो तो चले जाना, पर नजरें बचा बचाके जाना।
होगा संग सब कुछ तुम्हारे, पर दिल को न पाओगे तुम अपने।
मेरा न कोई कसूर था, ये तो दस्तूर है प्यार का।
भले तुम न हारे, पर चुराये बगैर हमारा मन न माने।
जिस मन ने भटकाया था यहां वहां, वही तो तेरे पास ले आया।
ख्वाबों को जो हकीकत में बदलने का करिश्मा कर दिखाया।
सहेजूँगा उतने प्यार से अपने दिल के अंदर तुझको।
मिट जायेगी मेरी छाया, जो छबि उभरेगी तेरी रोम रोम में मेरे।
प्रेम आग पे जो पड़ी थी राख, फिर से सुलग उठेगी।
खाक हो जाऊँगा तो क्या, महक आयेंगी प्रेम की राख से।


- डॉ.संतोष सिंह