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Hymn No. 2300 | Date: 01-May-2001
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देखो मेरी आँखों में, क्या लगता नहीं, कोई नींद चुरा ले गया है।
देखो मेरी आँखों में, क्या लगता नहीं, कोई नींद चुरा ले गया है।
हंस सकते हो इस अदने पे, पर कई बार रोता है मन ही मन में।
सोचा भी न था प्यार में, न जाने कितने अनजाने दौर से गुजरना पड़ेगा।
यार के हाथों यूं ही दिल का सकून बिन बात के खोना पड़ेगा।
समझ नही आता है क्या करुँ, यूं ही बैठे न जाने गुजरता है कितना वख्त।
हालत हो गयी है खराब, बिन पिये जो तारी रहता है नशा।
दशा हर पल बिगड़ती जा रही है, पर मजा भी बहुत आ रहा है।
खोये हुये की तलाश है, अपने प्यार की बड़े शिद्दत से।
राय जो कायम है लोगों में परवाह नहीं, परवाह है तो यार की।
इस बार जो मिलूंगा, मिलने के बाद दोबारा न मिलूंगा किसी को।


- डॉ.संतोष सिंह