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Hymn No. 2299 | Date: 01-May-2001
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जोश कायम है प्रभु जी अभी भी तेरे प्यार के प्रति।
जोश कायम है प्रभु जी अभी भी तेरे प्यार के प्रति।
निगाहों में ललक कायम है अभी भी नजर भर देखने की।
दिल अभी भी मचल उठता है, जैसे पहले पहल मुलाकात हो।
मन में होती है गुदगुदी अभी भी जैसे जैसे पहुँचता हूँ पास तेरे।
छलक आते है आँखों में आँसू अभी भी जब विचरता हूँ ख्वाबों में तेरे।
कसम से कुछ भी कर जाने का मन करता है अभी भी जब भी तेरे पास रहता हूँ।
ख्वाब वैसे आते है अभी भी जो लेके देखे थे शुरूआती दौर में।
याद बरबस आ जाता है तू अभी भी गमगीन से भरे क्षण मुस्कराहट में बदल जाते है।
प्रिय जो बातें पहले थी अभी भी है प्यार में मेरे।
पलक झपकते गुजर जाता है वख्त अभी भी जब होता है साथ तू।


- डॉ.संतोष सिंह