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Hymn No. 2292 | Date: 27-Apr-2001
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मुझे रहने दो मेरे ख्यालों में, जुड़ है जो तेरी यादों से।
मुझे रहने दो मेरे ख्यालों में, जुड़ है जो तेरी यादों से।
वादों का न है वहाँ कोई काम, पीते है प्यार का सुबहो शाम जाम।
लेना देना न है किसीसे, लेते है जो बस प्यार से तेरा नाम।
खोया रहता हूँ अपने विचारों में, बस प्यार की नई दुनिया बसाते हुये।
उलफल उलझन में डालना चाहते है तो भागके पहुँच जाता हूँ प्यार के पास।
यार भी बहइयाँ छुड़ना चाहता है तो रोक के खड़ा हो जाता हूँ राह।
जंग रहती न है किसी ओर से, जंग रहती है तो अपने आप से।
दामन पे इलजाम तो लगते रहते है, मौका जो दिया लगाने वालों को।
जो बात बनती न है हकीकत में, उसको बनाना चाहता हूँ ख्वाबों में।
माफ करना यार तेरे प्यार को बदनाम करना नहीं चाहता, पर तुझसे दूर होना नही चाहता।


- डॉ.संतोष सिंह