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Hymn No. 2202 | Date: 02-Mar-2001
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सुनो, सुनो, सुनो दास्ताने प्यार की, सुनके न होना गमजदा ऐ यारों मेरे।
सुनो, सुनो, सुनो दास्ताने प्यार की, सुनके न होना गमजदा ऐ यारों मेरे।
जुड़ी है प्रेम कहानी मेरी तुझसे, हर जन्म में बदलता है किरदार गिरता परदा उठता है।
रंगमंच पे किरदार अनेक है, पर दर्शक एक जो खेलाये खेल कर्मों की डोर से।
दुनिया का वास्ता छोड़ा, सुनाता हूँ अपनी कहानी, हर सुबह देता हूँ वास्ता प्यार का रात को करता हूँ बेवफाई।
रूसवा हुआ अनेकों बार, पर उसको फंसाने में वो भी काम न आया, उलटा पड़ता है मेरी दाँव बार बार
मैंने भी कसम थी खायी, इस बार बिना जीते मानूंगा नहीं, अमर प्रेम गीत गाके रिझाऊँगा तुझे।
जड़ देना कठिनाई की कीलें कदमों में तू मेरे, बढ़ता रहूंगा उसी तरह जैसे कुछ हुआ नहीं।
दामन पे दाग होगे बहुतेरे मेरे, पर आने न दूंगा आँच कभी प्यार पे, करे न लोग कभी तौबा प्यार से।
करूंगा मिसाल कायम राहे प्यार पे, हौंसलाये कृपा का करेंगी बुलन्द चारों और तेरे नाम का।
वाह वाह कर उठेगा हर दिल, तेरे प्यार को पाके लगा दूंगा चार चांद तेरे नाम को।


- डॉ.संतोष सिंह