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Hymn No. 1996 | Date: 26-Sep-2000
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कैंसा खिलौना बनाया तूने जो तेरी सुनके न माने कभी।
कैंसा खिलौना बनाया तूने जो तेरी सुनके न माने कभी।
लाख समझायें तू हाँ करके तेरे ओर, ना किया कभी कहा तेरा।
जिद् ना है कोई, हार जाता हूँ अपनी नासमझी के आगे।
सुधरते हुये देखा सबको, सुधरना चाहके सुधर न पाये हम।
दोष ना है इसमें किसीका, मूर्खों से पल्ला झाड़ सब कोई।
रब तेरा बनाया हुआँ हूँ, ऊब कर दिखाऊँगा तेरा कहाँ मैं।
नामुरीद हूँ मैं, पर अब बन चुकी है तू मेरी उम्मीद।
ना रोक मुझको मेरी वजह से, वजह को हटाके अपना ले तू।
दिल का डर डरके भाग जायेगा, तेरी एक प्यार भरी अवाजा उडा देंगी
जो कर न पाया था अब तक, वो यूँ ही कर जाऊँगा तब।


- डॉ.संतोष सिंह